दोगला और निर्लज्ज – गीता वाधवानी

Post View 2,483 कमरे के दरवाजे पर ठक -ठक की आवाज सुनकर नई नवेली दुल्हन करुणा की आंख खुल गई। उसने देखा कि सुबह के 9:00 बज रहे हैं।  उसने दरवाजा खोला तो सामने सास खड़ी थी, उसे लगा कि शायद देर हो जाने के कारण वह उन्हें जगाने आई है, और वह तो दरवाजा … Continue reading दोगला और निर्लज्ज – गीता वाधवानी