दो पाटन के बीच में – नीरजा कृष्णा
Post View 2,477 अम्मा की बड़बड़ चालू थी। आज का बहु रीना को सुना कर बोल रही थी,”आजकल की बहुएँ तो गजब हैंः सास ससुर तो फूटी आँख नहीं भाते। इन लोगों का बस चले तो” कहते कहते बात अधूरी छोड़ दी थी और कनखियों से प्रतिक्रिया के लिए कमर कसने लगी थी। पर ये … Continue reading दो पाटन के बीच में – नीरजा कृष्णा
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