दिव्या(भाग–9) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

Post View 2,449 “माँ मुझे लेकर बाहर आ गई। मैंने माँ से पूछा है वो लोग ऐसे क्यूँ बोल रही थीं।” प्रियम्वदा खुद की रक्षंदा से होने वाली वार्तालाप को बता रही थी। “उनकी और हमारी स्थिति एक ही है। उन सब की स्थिति भी गुलामों जैसी ही है और हमारी भी.. इस स्थिति से … Continue reading दिव्या(भाग–9) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi