Post View 377 यह बात 12 मार्च 2011 की है रात का वक्त था मैं ड्यूटी से छुट्टी करके घर लोटा ही था कि — उस दिन मां बड़ी चिंतित थी मेरे घर आते ही बोली दवाई मैंने ले ली है और गोली भी खाली अब मेरी बात सुनो गौर से मेरी उम्र का कुछ … Continue reading दिल के रिश्ते – नेकराम
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