ढूंढती आंखें – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi

Post View 8,615 का हो जिज्जी…..आधी रात में बारात लगी का ….?? 8:00 बज गएल…. अभी तक इमली ना घुटाइल गएल…! कब बारात लगी… कब द्वार पूजा होई ….??  कौनो टाइम बा…की नाहीं…. गांव से आई देवरानी ने जेठानी महिमा से कहा… !    हां हां देवरानी जी …. बस अब चलते हैं इमली घुटाई की … Continue reading ढूंढती आंखें – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi