धिक्कार है तुम्हें…. – विभा गुप्ता: Moral stories in hindi

Post View 2,151 ” नंदू..अब तू मुझे पकड़….।” ” नहीं..नंदू…पहले मुझे..।”          ‘आनंदी विला ‘ के हाॅल में दीवार से लगे दीवान पर पारसनाथ बैठे अखबार पढ़ रहें थें।पास बैठा हरिया उनके पैर दबा रहा था। बगीचे में अपने बेटों रवि-प्रकाश के साथ हरिया के बेटे नंदू को खेलते देख पारसनाथ बोले,” हरिया…तू नंदू की तनिक भी … Continue reading धिक्कार है तुम्हें…. – विभा गुप्ता: Moral stories in hindi