ढ़लती शाम – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

Post View 4,460 पूरा घर अस्त व्यस्त कपड़ों से फैला हुआ था। असली घी के मेवा डालकर बनाए हुए लड्डू यूं ही परात में रखे हुए थे। माधवी अंधेरे कमरे के अंधेरे कोने में बैठकर पुरानी यादों में खोई आंसू बहा रही थी।     कितने समय से वह राजेश के दुबई से आने का इंतजार … Continue reading ढ़लती शाम – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi