ढ़लती साँझ – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

Post Views: 3 सुबह होती है शाम होती है जिंदगी बस यूँही तमाम होती है– जिंदगी का सफर चलता जाता है अनवरत रुकता नही।जैसे भोर हुयी फिर दोपहर हुयी और फिर साँझ गहराने लगी– मन में अपने अपने भाव के अनुरूप समाहित होने लगी।      सुखिया और उसके पति एक गाँव में रहते थे।वही खेतीबाड़ी थी– … Continue reading ढ़लती साँझ – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi