“ढलती सांझ” – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

Post Views: 7 बाल कनी मे बैठ कर रमा चिड़ियो को देख रही है ।जो इस ढलती सांझ को अपने बसेरे पर लौट रहे हैं ।सोच रही है वह ,उसकी जिंदगी की भी तो यह ढलती सांझ ही है, पता नहीं कब उड़ने को तैयार होना पड़े ।चाहे जीवन कितना भी आगे बढ़ जाये, अतीत … Continue reading “ढलती सांझ” – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi