ढलती सांझ में तो आराम चाहिए। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi
सुधा आज क्या चाय नहीं मिलेगी? किशोर जी ने बिस्तर से आवाज लगाई, कोई आवाज नहीं आने पर वो खुद ही पलंग से उतरकर रसोई की ओर चले गये, रसोई में चिमनी चल रही थी और उनकी आवाज से बेपरवाह होकर सुधा जी तवे पर परांठे सेंक रही थी। उन्होंने फिर दोहराया, आज चाय नहीं … Continue reading ढलती सांझ में तो आराम चाहिए। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi
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