ढलती सांझ में तो आराम चाहिए। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

Post Views: 575 सुधा आज क्या चाय नहीं मिलेगी? किशोर जी ने बिस्तर से आवाज लगाई, कोई आवाज नहीं आने पर वो खुद ही पलंग से उतरकर रसोई की ओर चले गये, रसोई में चिमनी चल रही थी और उनकी आवाज से बेपरवाह होकर सुधा जी तवे पर परांठे सेंक रही थी। उन्होंने फिर दोहराया, … Continue reading ढलती सांझ में तो आराम चाहिए। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi