“ढलती सांझ और मजबूत होते प्यार के बंधन” – कविता अर्गल : Moral Stories in Hindi

अविनाश और शीला जी गुलाबी गुलाबी ठंड में अपने आंगन में आती कुनकुनी धूप में बैठकर चाय का आनंद ले रहे थे।उनके अब तनाव रहित आराम के दिन गुजर रहे थे। वें दोनों बच्चों की सारी जिम्मेदारियों से मुक्त हो चुके थे,और बहू -बेटे के साथ जीवन की संध्या का ये समय बड़े मजे से … Continue reading “ढलती सांझ और मजबूत होते प्यार के बंधन” – कविता अर्गल : Moral Stories in Hindi