” ढहते मर्यादा के बांध ” – डॉ. सुनील शर्मा
Post View 596 तटबंध कितने भी सुदृढ़ हों, यदि कहीं एक जगह भी कमज़ोरी हो, तो सैलाब को फैलते देर नहीं लगती. ऐसे में विनाश अवश्यंभावी है. नीता को जब बॉस ने आउट आफ टर्न प्रमोशन की सूचना दी तो वह विश्वास नहीं कर पाई. एम बी ए करने के बाद आकांक्षाओं से भरी नीता … Continue reading ” ढहते मर्यादा के बांध ” – डॉ. सुनील शर्मा
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