देवकन्या (भाग-21) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

Post View 44 मामत्व का त्याग- *************  देवी चन्द्रबाला के नेत्रों  से ममता द्रव की भांति  निरंतर बह रही थी! दक्षांक ने प्रश्नवाचक दृष्टि से देखा””” फिर दूसरी ओर मुहं करके हाथ जोड लिऐ “”” भगवन्  “”” क्षमा –पित्रवात्सल्य  के कारण””कही मुझ अधर्मी से अपराध तो नही हो गया! भगवन्  महावीर वात्सल्य वस्तु मुस्कुराते  हुऐ, … Continue reading देवकन्या (भाग-21) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi