देवी का रूप है – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Post View 50     ‘ अक्षरा धाम ‘ का लाॅन लाल-पीली बत्तियों से जगमग कर रहा था।हवा के झोंकें के साथ ताज़े फूलों की खुशबू नलिनी के नाक तो आई तो उसका तन-मन महक उठा।लोगों की भीड़ में उसकी नज़रें किसी अपने को तलाशने लगी कि तभी घर की वरिष्ठ महिला ने आकर उसका स्वागत किया,” … Continue reading देवी का रूप है – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi