दहलीज – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

Post View 4,984 यहीं वो दहलीज हैं, जो बरसों पहले मैंने छोड़ दी थी ..।बरसों की मेहनत ने उसे आज इस दहलीज को पार करने का हक़ दिला दिया.। अनूप के साथ खड़ी मै, और सामने आरती का थाल लिए माँ जी..। सिर्फ सपना ही देखा था.. यथार्थ तो आज देख़ रही हूँ.। मै यानि … Continue reading दहलीज – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi