दावानल – रवीन्द्र कान्त त्यागी : Moral Stories in Hindi

Post View 675 हमारे गाँव की जिस बिजली (ट्यूबवेल) पर बाबा जी जा रहे थे उसके ऑपरेटर एक सरदार जी थे जिन्हे पूरा गाँव मिल्खा कहकर पुकारता था। मिल्खा बाबू कोई सामान्य सरकारी आदमी नहीं थे। बरसों तक इस इलाके में रहने के कारण यहाँ के इस ग्रामीण वातावरण में पूरी तरह रच बस गए … Continue reading दावानल – रवीन्द्र कान्त त्यागी : Moral Stories in Hindi