डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -104)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

Post View 89 जैसे विधाता ने उसके प्रारब्ध में वैधव्य मुकर्रर कर दिया हो। इस वक्त उससे उलझना ठीक नहीं था। इसलिए अपने तीव्र होते रुदन के स्वर को शांत कर मैं मरे हुए मन से वहां से वापस लौट आई। वहां से नैना सीधी घर चली आई थी। जहां अनुराधा जिसने नैना की माया … Continue reading डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -104)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi