दृढ़ निश्चय का सवेरा – आरती झा आद्या
Post View 13,583 आज से मैंने तुम्हें अपने मातृत्व से बेदखल किया.. चीख कर अनिकेत से बोली थी माया … और अपनी बहू गरिमा को लेकर अपने रूम में आ गई थी…उधर उमेश जी बेटे के करतूत पर शर्मिंदा से बैठे थे..अपनी गलतियों को याद करते हुए। एक सवाल अंदर कमरे में माया जी को … Continue reading दृढ़ निश्चय का सवेरा – आरती झा आद्या
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