दृढ़ निश्चय का सवेरा – आरती झा आद्या

Post View 8,342 आज से मैंने तुम्हें अपने मातृत्व से बेदखल किया.. चीख कर अनिकेत से बोली थी माया … और अपनी बहू गरिमा को लेकर अपने रूम में आ गई थी…उधर उमेश जी बेटे के करतूत पर शर्मिंदा से बैठे थे..अपनी गलतियों को याद करते हुए।   एक सवाल अंदर कमरे में माया जी को … Continue reading दृढ़ निश्चय का सवेरा – आरती झा आद्या