चुमावन – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

Post Views: 5 जेठ की दुपहरी और  टमटम से धीरे — धीरे बिलकुल अनजान सड़क पर  गुड़िया  सिमटी सिकुड़ी बढ़ी जा रही थी,  प्यास से बुरा हाल था ,कभी थोड़ा सा घूंघट  से कोर से कनखियाकर  अपने पति को देखती ,लेकिन वो तो घर पहुंचने की जल्दी में था । घर ..नहीं वो  गांव के … Continue reading चुमावन – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi