चूल्हे की रोटी – अनुज सारस्वत

Post View 4,186 “पापा जी चलो ना शहर वहां मैंने फ्लैट लिया है” अनुभव ने गांव आकर अपने पिताजी से कहा पिताजी बोले “अरे बेटा रहने दे तू खुश है ना काफी है मैं तो ही ठीक हूं तेरी मां के जाने के बाद कहीं जाने का मन नहीं करता “ “अरे पिताजी चलो ना … Continue reading चूल्हे की रोटी – अनुज सारस्वत