चोर – देवेन्द्र कुमार

Post Views: 5 “राजन, जरा चावलों की थाली खिसका दो|” माँ ने राजन को पुकारा। राजन की मम्मी ने चावलों को हवा लगाने के लिए थाली में भरकर बाल्कनी में रख दिया था। राजन ने थाल खिसका दी। उसके पहुँचते ही थाली पर चूँ-चूँ करती चिड़ियाँ उड़ गईं। वे दो थीं। चावलों पर कुछ तिनके … Continue reading चोर – देवेन्द्र कुमार