चिराग दिल का जलाओ – नीरजा कृष्णा

Post View 307 उस दिन बेटे का फोन आया था, “मम्मा, तुम्हारी बहुत चिंता होती है। तुम्हारी तबियत भी ठीक नहीं रहती। अब जिद छोड़ो और अपने पोते के साथ यहाॅं दिल्ली में आराम से रहो।” उनका मन बहुत द्रवित सा हो गया। वाकई अब अकेले रहने में बहुत परेशानी होने लगी थी। दस साल … Continue reading चिराग दिल का जलाओ – नीरजा कृष्णा