छोले-भटूरे: – मुकेश कुमार

Post View 245 रौनक सुबह जब बेटी को स्कूल छोड़ने जा रहा था तब पहली बार सुना “आज छोले-भटूरे बनाना मम्मा” उसके बाद तो पुरे दिन भर वही बात चलती रही – “चाची आज आपको छोले ही बनाना है सिर्फ़” “भटूरे मम्मा और पापा बना देंगे, तब तक आप छोटी बाबु को सुला लेना, फिर … Continue reading छोले-भटूरे: – मुकेश कुमार