Post View 1,733 “अम्माँ …तू दवा लेने जा रही है न अपनी…मैं भी आता हूँ।” “नौ बरस का हो रहा है…अब तो अम्माँ का पीछा छोड़…।” दौड़ते हुए आए गोपाला का हाथ पकड़ते हुए अम्माँ बोली। “अम्माँ मुझे …नयी वाली छतरी चाहिए।” अम्माँ के संग तेज-तेज चलता हुआ गोपाल बोला। “क्यों रे… अभी-अभी तो सुधरवाई … Continue reading छतरी – रश्मि स्थापक
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