चने वाला – संगीता श्रीवास्तव

Post View 6,516 वह एक शाम थी। मैं ट्रेन से उतर कुछ फल और बिस्कुट के पैकेट्स को ले लंबी- लंबी डेंगे मारती टैक्सी स्टैंड जा रही थी। मैं लोकल ट्रेन से ही कार्यालय आती जाती थी।उस दिन मुझे जल्दी घर पहुंचना था क्योंकि मैं अपनी 3 साल की बीमार बेटी को बूढ़ी सास के … Continue reading चने वाला – संगीता श्रीवास्तव