चाह -मीता जोशी

Post View 312 “क, की, कु, छ, घ अक्षर से नाम निकला है जोशी जी। आओ आकर पोती के कान में उसका नाम सुना दो। “      शंख को पीले कपड़े में लपेट, पंडित जी ने जोशी जी के हाथ में दे दिया। उन्होंने उसे पकड़ धीरे से कान के पास जा पुकारा “मेरी प्यारी कृष्णकली। … Continue reading चाह -मीता जोशी