चार दिन की चाँदनी – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

Post View 1,251 बाबूल की दूआए लेती जा जा तुझको सुखी संसार मिले भावविभोर करती …सामने के घर में जहां कल कितनी रौनक थी आज बेटी की विदाई की तैयारी शहनाई वादन की मधुर धुन मन को विचलित कर रही थी। अपनी बाल्कनी में खड़ी मयूरी शादी की रौनक भीड़ भाड़ देख रही आज उसका … Continue reading चार दिन की चाँदनी – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi