बुरे वक्त में जब हमसफ़र का ही सहारा ना हो – सुल्ताना खातून
Post Views: 15 बात लगभग 13 महिने पुरानी है…. मेरी बेटी हाॅस्पिटलाइड थी (जो बेटी अब नहीं रही, वह जन्मजात हृदय रोगी थी)मैं और मेरे हसबैंड बहुत परेशान थे… बेटी उस समय 5 महीने की थी… उसके नाक… मुहँ…मे नल्कियां हाथो मे सुईयां…लगी थीं,मेरी बच्ची तकलीफ के इंतेहा पर थी… देखकर हमारा कलेजा फटता…हम जहनी … Continue reading बुरे वक्त में जब हमसफ़र का ही सहारा ना हो – सुल्ताना खातून
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