बुरे वक्त में जब हमसफ़र का ही सहारा ना हो – सुल्ताना खातून

Post View 443 बात लगभग 13 महिने पुरानी है…. मेरी बेटी हाॅस्पिटलाइड थी (जो बेटी अब नहीं रही, वह जन्मजात हृदय रोगी थी)मैं और मेरे हसबैंड बहुत परेशान थे… बेटी उस समय 5  महीने की थी… उसके नाक… मुहँ…मे नल्कियां हाथो मे सुईयां…लगी थीं,मेरी बच्ची तकलीफ के इंतेहा पर थी… देखकर हमारा कलेजा फटता…हम जहनी … Continue reading बुरे वक्त में जब हमसफ़र का ही सहारा ना हो – सुल्ताना खातून