बुढापे की लाठी सुपात्र बेटी – नेमीचन्द गहलोत : Moral Stories in Hindi
Post View 8,665 लोकपरिवहन बस के कंडेक्टर ने तेज आवाज लगाई “गंगा पुर…. गंगापुर….गंगापुर!” प्रकाश बस से उतरा । वह शहर से अपनी बेटी के नामकरण संस्कार की सामग्री का थैला थामे अपने घर की ओर रवाना हो गया । वह एक मध्यम वर्गीय मौहल्लै में अपनी पत्नी आशा व बेटी सुमित्रा के साथ रहता … Continue reading बुढापे की लाठी सुपात्र बेटी – नेमीचन्द गहलोत : Moral Stories in Hindi
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