बुढ़ापा -डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

Post View 2,759 मनुष्य जिन्दगी के तीन पहर तो आसानी से काट लेता है,परन्तु चौथा पहर काटना उसके लिए कठिन हो जाता है।बुढ़ापे में स्वास्थ्य भी गिरने लगता है,उसपर से अगर हमसफ़र का साथ छूट जाएँ तो जिन्दगी ‘कोढ़ में खाज’ के समान लगने लगती है।बुढ़ापे में ऊषा जी को अपना वतन बहुत याद आता … Continue reading बुढ़ापा -डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi