“बुढ़ापे और बेबसी से बड़ा कोई दर्द नहीं होता!!!” – अमिता कुचया

Post View 814 आज मंजरी को घर से न चाहते हुए भी जाना पड़ा।घर परिवार में नाती पोते किसे प्यारे नहीं होते ,जब टिया और टिली दादी से बात करते तो बहू बेटे को बिल्कुल अच्छा नहीं लगता था। वो किसी न  किसी बहाने से दूर करते, उन्हें डर था कि मां जो कि कैंसर … Continue reading “बुढ़ापे और बेबसी से बड़ा कोई दर्द नहीं होता!!!” – अमिता कुचया