बीत गई है स्याह विभावरी – अर्चना कोहली ‘अर्चि’

Post View 399 मूसलाधार बरसात में झरोखे के पास बैठी आकांक्षा का मन एक अबोध शिशु की भाँति खुशी से हिलोरें लेने लगा।आखिर हो भी क्यों न! तमस भरी रात्रि के अवसान पर सूर्योदय के समान उसके जीवन में भी तो सतरंगी प्रकाश फैल गया था। अभी कुछ दिन पहले की तो बात है, जब … Continue reading बीत गई है स्याह विभावरी – अर्चना कोहली ‘अर्चि’