बिना प्रेम के कोई किसी की मदद नहीं करता – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

आज सावित्री की बेटी कलेक्टर बन गई… कितनी तपस्या के बाद आज का दिन देखना नसीब हुआ… बेटी ने कलेक्टर बनते ही माँ को बोला, अब तुम काम नहीं करोगी। नहीं पारो एक घर में तो मुझे करना ही है.. कुसुम मैडम को मैं नहीं छोड़ सकती….उनकी बदौलत ही तुम आज कलेक्टर बन पाई हो। … Continue reading बिना प्रेम के कोई किसी की मदद नहीं करता – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi