आज की पोस्ट में हम बात कर रहे हैं अनिल बसाक (Anil basak) के बारे में जिनको 2020 के यूपीएससी एग्जाम में ऑल इंडिया रैंक 45 वा स्थान मिला था।
अनिल बिहार के किशनगंज के रहने वाले हैं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। पिता फेरी लगाकर (घूम-घूमकर सौदा बेचना) कपड़े बेचा करते थे। अनिल चार भाईयों में दूसरे नंबर पर हैं। अनिल के पिता की माली हालत ऐसी नहीं थी कि वे देश के प्रतिष्ठित UPSC जैसे परीक्षा में शामिल होते। आर्थिक स्थिति खराब होने के बाद भी अनिल बसाक ने हार नहीं मानी।, बल्कि उसको अपना ताकत बनाया और तीसरे प्रयास में IAS बनकर पूरे परिवार का भविष्य संवार दिया।
पहले अनिल ने गांव से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और जी-तोड़ मेहनत कर 2014 में आईआईटी (IIT) दिल्ली में दाखिला पाया और सिविल इंजीनियिरंग की पढ़ाई की।
साल 2016 से उन्होंने UPSC की तैयारी करनी शुरू कर दी। 2018 में इंजीनियरिंग करने के बाद उनके पास जॉब का ऑफर था, हालांकि वे कैंपस प्लेसमैंट में नहीं बैठे। घर की माली हालत उन्हें बार-बार विवश जरूर कर रही थी, लेकिन वे अपने सपने से पीछे नहीं हटे और पूरा फोकस UPSC पर रखा।
हालाँकि पहली बार में अनिल को कामयाबी नहीं मिली। दूसरी बार में उनकी मेहनत रंग लाई और कामयाबी मिल गई। UPSC में उन्हें 616वीं रैंक मिली। घर परिवार और गांव में जश्न मना, लेकिन अनिल अपनी इस कामयाबी से संतुष्ट नहीं हुए। उनके मन में सिर्फ एक ही सपना था IAS बनने का।
anil basak हालांकि, दूसरी सफलता के बाद घर की जिम्मेदारियों को संभालने के लिए वो बतौर आयकर आयुक्त काम करने लगे। लेकिन सपना तो सपना होता है, जिसे अचीव करना कुछ लोगों का जुनून होता है। अनिल में भी कुछ इसी तरह का जुनून था। इसलिए उन्होंने काम से छुट्टी ली और एक बार फिर यूपीएससी की तैयारी में जुट गए। इस बार किस्मत और मेहनत रंग लाई और 45वीं रैंक के साथ वो अपने ख्वाब को सच करने में सफल रहे।
बता दें कि अनिल की पढ़ाई कक्षा एक से आठवीं तक शहर के ऑरियेंटल पब्लिक स्कूल से ही आरंभ हुई. यहां वह हमेशा अपने वर्ग में अव्वल आते रहे . इसके बाद 10 वीं की पढ़ाई अररिया पब्लिक स्कूल अररिया से फिर 12वीं की पढ़ाई वे शहर के बाल मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल, किशनगंज से की.12 वीं कक्षा में अनिल बाल मंदिर के स्कूल टॉपर भी रहे .