Post View 234 दिसंबर का महीना था। सुबह के 7 बज चुके थे, आज भूखिन को सुबह उठने में देर हो गई थी। वह जल्दी जल्दी बर्तन धो रही थी। भूखिन को उस घर में काम करते हुए लगभग 25 वर्ष हो गये थे । उस घर में कितने गिलास कितने चम्मच यथा कितने कटोरियां … Continue reading ” भूखिन ” – गोमती सिंह
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