बुढ़ापा किसी का सगा नहीं होता – अनु अग्रवाल

Post View 561 “अब कान लगाए दरवाजे पर ही खड़े रहोगे या बत्ती बन्द करके सोओगे भी”- मीनाक्षी ने तीखे स्वर में कहा। “बाबूजी के खाँसने की आवाज़ बहुत देर से आ रही है….लगता है तबियत ज्यादा खराब हो रही है…….ज़रा देखकर आता हूँ” बस इतना ही कहना था रामानुज जी का…कि मीनाक्षी बिफर पड़ी…….देखकर … Continue reading बुढ़ापा किसी का सगा नहीं होता – अनु अग्रवाल