“भेद नजर का” – डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा

Post Views: 212 सीमा सुबह से तैयारियां कर रही थी। सबके लिए  नाश्ते बनाने के बाद उसे खुद के लिए तैयार होना था। काम इतना बढ़ गया था कि कम होने का नाम ही नहीं ले रहा था। सासु माँ बार- बार किचन में आकर बोल रही थीं “-  बहू जल्दी करो,जल्दी से काम निपटा … Continue reading “भेद नजर का” – डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा