भटकन – उर्मिला शर्मा 

Post View 238      “ऐ अम्माजी बबुनी नहीं दिख रही हैं। आप देखी हैं का। भोरे से नहीं दिख रही हैं। थोड़ा आटा सानना है।” – बेबी ने अपनी सास से पूछा। “नाहीं दुलहिन हमहूँ  भोरे से खोज रहे हैं। कब से ठंढा तेल मांग रहे हैं, सिर में लगाने वास्ते।”- खाट से ही गौरी ने … Continue reading भटकन – उर्मिला शर्मा