Post View 2,102 उस सर्द शाम को धुंधलका कुछ जल्द ही हो चला था। ट्रेन अपनी गति से भाग रही थी और नील का मन भी उतनी ही तेजी से भाग रहा था। रह रह कर उसे निशा का मासूम सा चेहरा दिखता। कभी मुस्कुराता हुआ कभी हंसता हुआ और कभी बिल्कुल उदास। धड़कते दिल … Continue reading भरोसा – रश्मि स्थापक
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