भैरवी (भाग 2 ) – अंशु श्री सक्सेना : Moral Stories in Hindi

Post Views: 109 अब संगीत की कक्षा में दोनों एक साथ बैठने से कतराते, एक दूसरे से नज़रें मिलते ही आँखों ही आँखों में मुस्कुराते और गंगा किनारे की रेती पर बैठ, भविष्य के सपने बुनते. उन सपनों के धागे कभी चाँदी से रुपहले होते तो कभी सोने से सुनहरे. वे अपने सपनों की चादर … Continue reading भैरवी (भाग 2 ) – अंशु श्री सक्सेना : Moral Stories in Hindi