भाग्यहीन – खुशी : Moral Stories in Hindi

नंदिनी एक भरेपूरे परिवार की लड़की थी। दो भाई भाभियां मां पिताजी भतीजा भतीजी सबकी लाडली ।देखने में भी सुंदर पढ़ी लिखी पर लाड प्यार के कारण जिद्दी घर का कुछ काम भी ना करती भाभियां कहती लाडो कुछ सीख लो कुछ काम आएगा।मां समझाती कुछ काम किया करो ।

पर भाई कहते अरे हम कोई राजकुमार ढूंढेंगे अपनी बहन के लिए क्या जरूरत है इसे कोई भी काम करने की।नंदिनी के कॉलेज में प्रकाश  नाम का एक लड़का पढ़ता था जो नंदिनी को बहुत पसंद करता था उसके पिताजी बहुत बड़े व्यापारी थे  ।

प्रकाश ने नंदिनी के घर अपना रिश्ता भिजवाया। प्रकाश की मां नहीं चाहती थीं कि ये रिश्ता हो पर प्रकाश की जिद के आगे वो हार गई उन्हें भी नंदिनी पसंद आई और यू झटपट नंदिनी और प्रकाश की शादी हो गई।प्रकाश तो नंदिनी का दीवाना था।

वो हर समय नंदिनी का ध्यान रखता उसे घूमता फिरlता नंदिनी को घर का कोई काम भी नहीं आता था।अब उसकी सास चाहती कि वो घर का कुछ तो काम करे पर प्रकाश हमेशा उसे बचा लेता सीख जाएगी।शादी को 6 महीने हुए प्रकाश बिजनेस के काम से मुंबई गया ।

वहां से आते हुए उसका प्लेन क्रैश हो गया और उसकी मौत हो गई।अब नंदिनी का भाग्य बदल गया सास उसे कुलक्षिणी भाग्यहीन जैसे ताने देती कुछ काम ना आता उसके ताने मिलते।अब नंदिनी को वो दिन याद आते जब सब कहते काम सीखो पर वो कहा सुनती थी

इस कहानी को भी पढ़ें: 

“कोई भाग्यहीन नहीं होता” –  हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

प्रकाश के जाने के बाद उसकी हालत  खराब हो गई सास ससुर उसे मनहूस समझते घर के एक कोने में पड़ी रहती जो रूखा सुखा बचता वो खाने को मिलता।एक दिन ससुर ने भाइयों को बुला घर भेज दिया घर आई तो भी यही हाल कोई ना पूछता सब अपने में मस्त भाभिया कहती क्यों ले आए

इसे यह वही पड़े रहने देते काम की न काज की दुश्मन अनाज की।नंदिनी सोचती ये वही घर है जहां में भाग्यशाली थी आज में भाग्यहीन और बोझ बन गई हु। ना मेरी ससुराल में जगह है ना ही मायके में। नंदिनी की सहेली कल्याणी उससे मिलने आई

और बोली नंदिनी अपने जीवन को एक नई दिशा दो आगे बढ़ों प्रकाश तुम्हे ऐसे देखकर कितना दुखी होगा।इसलिए आगे बढ़ों।

नंदिनी ने भाइयों से जिद कर फिर पढ़ाई शुरू की और पी एच डी कर कॉलेज लेक्चरर बन गई। आज जब कॉलेज में उसे 25 वर्ष सेवा के लिए पुरस्कार मिल रहा था वो बोली में भाग्यहीन थी पर प्रकाश के प्रेम और कल्याणी के आत्मविश्वास के कारण में यह तक पहुंची हूं।

मित्रो जीवन में हम कई बार कुछ भी काम नहीं सीखना चाहते परन्तु मनना है  कि चाहे अमीर हो या गरीब सभी काम आने चाहिए।अन्यथा वही होता है जो। नंदिनी के साथ हुआ।

स्वरचित कहानी

आपकी सखी

खुशी

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!