भाग्यहीन – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

    मां बनकर #भाग्यहीन #होना कितने दुःख और आश्चर्य की बात है..            आंखों से गिरते आंसुओं के सैलाब को रोकने की असफल कोशिश करती मीनू फ्लैशबैक में चली गई… कितने व्रत उपवास और मन्नतों के बाद निहाल का जनम हुआ.. पांच साल तक मन्नत उतारते रहें… पत्थर पर दूब जमा हो जैसे.. सब कुछ बहुत अच्छा … Continue reading भाग्यहीन – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi