भगवान की लाठी में आवाज नहीं होती – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

Post Views: 29 गीता मायके आई थी। उसका चेहरा मुरझाया हुआ था, आँखों में उदासी और चिंता की गहरी लकीरें खिंची हुई थीं। गीता की माँ, जो अपनी बेटी के स्वागत में पूरे मनोयोग से लगी हुई थी, उसकी ऐसी हालत देखकर घबरा गई। “आओ बेटा, बैठो। कैसी हो? घर में सब कैसे हैं?” माँ … Continue reading भगवान की लाठी में आवाज नहीं होती – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi