Post View 724 स्नेहा का सामान पैक करते समय उसकी विदाई के ख़्याल से ही रह-रहकर आराध्या की आंखें भर आती थीं| अपनी आंखों की नमी को सबसे छुपा कर वह अपने काम में लगी हुई थी| बस! आज भर की ही तो थी स्नेहा! इस घर में कल पराई हो जाएगी| सोचने बैठी तो … Continue reading भाभी मां – शाहीन खान
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