भाभी – क़े कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

माँ आज बहुत खुश दिखाई दे रही थी I उन्हें इतना खुश मैंने इस बीच नहीं देखा है। हमेशा पैरों में दर्द कमर में दर्द का बहाना चलता रहता है। मैं जैसे ही घर में घुसी उन्होंने चहकते हुए कहा कि प्रतिभा सुन रही हो सोलह तारीख को तुम्हारे बडे भाई और भाभी आ रहे हैं। 

यह तो बहुत अच्छी खबर है पहले हमारे घर पर ही आ रहे हैं ना। हाँ हाँ पहले यहीं आएंगे फिर बैंगलोर जाएँगे। तुम्हारी बडी भाभी में अमेरिका जाने के बाद भी संस्कार नहीं बदले हैं मुझे कितना इज्जत देती है

बच्चों को भी उसने वही सब कुछ सिखाया हैं। बड़ी भाभी के बारे में बताते समय उनकी आँखों में चमक थी। बड़ी भाभी सरला अमेरिका से सीधा मायके ना जाकर ससुराल आ रही है यही माँ के लिए गर्व की बात थी ।

अंदर कमरे से छोटी भाभी के खांसने की आवाज सुनाई देते ही भाभी कहते हुए मैं उनके कमरे में गई । 

छोटी भाभी का नाम संजना है भाभी शादी करके हमारे घर आई थी उस समय जैसी हैं अभी भी वैसी ही गाँव की रहने वाली भोली भाली लड़की हैं । 

जब वे पहली बार हमारे घर में कदम रखीं थीं तो मैंने देखा बालों में तेल लगाकर चोटी करती थी पाँवों में पायल गले में काला पोत पहनती थी और साड़ी एडी से ऊपर बाँधती थी।

बड़ी भाभी ने उन्हें देखते ही कहा कि अरे देवरानी जी तो गाँव की भोली भाली नादान सी दिखाई दे रही हैं। उस समय मेरे बड़े भाई इंजीनियर थे और जमशेदपुर में नौकरी करते थे।

इसलिए बड़ी भाभी भी वहीं रहती थी। वे बुचड़ा बनाती थी और उसमें फूलों के बदले में मोतियों की माला लगाती थी नाखूनों और होंठों को रंगती थी साड़ी पर फॉल लगाकर पहनती थी उनके पास ही हमने पहली बार साड़ी पर फॉल लगाना देखा था। वैसे वे चेन्नई में ही पैदा हुई वहीं पली बड़ी थी। 

मेरी बहनों को दीदी कहकर पुकारती थी। माँ को सासु नहीं माँ कहकर पुकारती थी। जैसे ही बाहर से आती भी माँ के पैरों को छूकर आशीर्वाद लेती थी। पापा के फोटो को भी नमस्कार करती थी। मुझे और भाई को चुन्नू मुन्नू कहकर प्यार से पुकारती थी।

उनकी जब लड़की पैदा हुई तब भाई को अमेरिका जाने का मौका मिला था। उनके अमेरिका जाने के लिए जमीन का एक टुकड़ा बेच दिया गया था। वहाँ जाने के बाद उनका एक लड़का भी पैदा हुआ। अमेरिका जाने के पाँच साल बाद बड़े भाई अपने परिवार को लेकर छोटे भाई की शादी में आए थे।

छोटी भाभी बड़ी भाभी के समान सबसे घुल मिल कर नहीं रहती थी परंतु घर के सारे काम करती थी सबकी इच्छाओं का ख्याल रखती थी। मेरे ख्याल से वे ज्यादा बात नहीं करती थी

क्योंकि शहर उनके लिए नया था लोग क्या सोचेंगे या यहाँ के तौर तरीकों से वाकिफ ना होना भी एक कारण हो सकता है। वे अकेली अपने काम जैसे चावल बीनना सिलाई कढ़ाई करना आदि में व्यस्त रहतीं थीं। 

उन्हें सिनेमा देखना भी पसंद नहीं था भाई से बहुत डरती थी। पूरा दिन काम करने के बाद भी माँ का हाथ बंटाती थी।

माँ फिर भी हमेशा उन्हें ताने देते हुए कहतीं थीं कि बड़की बहू को देखकर कुछ सीखों उसकी बात ही अलग है। तुम भी बालों में तेल कम लगाओ सारी थोडी नीचे पहनो छोटी बिंदी लगाओ

चार लोगों के बीच बैठकर बातें करो तब ही तो तुम्हें भी बात करने का सुलूक आएगा। इन बातों को सुनकर भाभी को कैसे लगेगा इस बात का उन्हें एहसास ही नहीं होता था। 

बचपन में हम सब खेल कूदअपने खेलकूद में व्यस्त रहते थे लेकिन जैसे-जैसे। जब भी पैसों की ज़रूरत होती थी छोटे भाई से माँग लेते थे । 

अब जब मैं बड़ी हो गई हूँ तो मुझे छोटीबडी हुई भाभी सेके साथ दोस्ती करने का मन हुआ । मैं उनके पीछे पीछे घूमते हुए उनसे पूछती थी कि मेरी साड़ी पर आपने एम्ब्रॉयडरी की है

अपनी साड़ी पर भी कर लो ना दूसरों के लिए इतना कुछ करती हो अपने लिए भी कुछ किया करो ना तो हँस देती थी पर बोलती नहीं थी । की इच्छा हुई

बड़ी बहन की शादी में छोटी भाभी के गहने उन्हें दे दिये थे उन्होंने कुछ नहीं कहा छोटे भाई के इंजनीयरिंग की पढ़ाई के लिए उनकी जमीन गिरवी रख दी गई थी ऊपर से माँ उनसे कहती थी कि मेरा बड़ा बेटा अमेरिका से पैसे भेजेगा तो तुम्हारी जमीन छुड़वा देंगे बड़ी बहू कुछ नहीं कहती है बहुत अच्छी है । 

उस दिन पहली बार छोटी भाभी ने हँसकर कहा था कि कोई बात नहीं है मेरे बच्चों को उनके बड़े पापा और चाचा देख लेंगे माँ । 

मैं हमेशा उनसे कहती थी कि आप ऐसे ही काम करती रहतीं हैं आपको नहीं लगता है कि जीवन में कुछ बदलाव आए । 

वे हँसते हुए कहती थीं कि बदलाव क्यों नहीं आया अब तुम्हें ही देख लो जब मैं आई थी तो फ्रॉक पहनकर घूमती रहती थीं और आज शादी के लायक़ हो गई है मेम के समान अंग्रेज़ी में बोलती हो। 

छोटी भाभी घर के लोगों के लिए काम करना ही ज़िंदगी का एचीवमेंट सोच कर खुश रहती थी । 

माँ ने ही एक दिन भाई से कहा कि संजना की तबीयत ठीक नहीं लग रही है उसे डॉक्टर को दिखा ला । छोटे भाई के काम समय पर हो जाते हैं उन्हें फ़िक्र ही नहीं रहती है कि पत्नी कैसी है । 

माँ के कहने के बाद उन्होंने पूछा कि संजना तुम्हारी तबियत ठीक नहीं है माँ कह रही है मुझे बता सकती हो ना तुम्हारी तकलीफ़ क्या है । 

संजना ने कहा कि कुछ नहीं हुआ है ठीक हो जाएगा बेकार में पैसे खर्च हो जाएँगे । उनके दिल में ब्लाक्स हैं आपरेशन कर दिया गया है पर तब से उनकी हालत ख़राब हो गई है । आए दिन सर्दी खाँसी होती रहती है । 

मैंने डिग्री होते ही नौकरी करना शुरू कर दिया था । जिसके चलते सुबह छोटी भाभी की मदद नहीं कर पाती थी । माँ तो पहले भी काम नहीं करती थी इसलिए भाभी को ही सब काम करने पड़ते थे । 

शहर में रहने वाली बहनें भी बच्चों के साथ आ जाती थीं । छोटा भाई अपने दोस्तों को चाय पर बुला लेता था । घर में किसी को भी भाभी की फ़िक्र नहीं होती थी। किसी से भी कहने से कोई फ़ायदा नहीं है इसलिए मैं ही उन्हें उनके कामों में मदद कर देती थी । 

माँ कहती थीं कि तुम ऑफिस में काम करके फिर घर के काम भी क्यों करती हो छुटकी बहू कर लेगी तुम आराम करो उन्हें बहू की मदद करना पसंद नहीं था। अभी ठंडी बढ़ गई है तो भाभी की खाँसी बढ़ गई थी

मैंने पूछा भाभी चाय पी आपने उनके ना में सर हिलाने पर मैं रसोई में गई और अच्छी सी अदरक की चाय बनाई और भाभी को पिलाई । उन्हें सब्ज़ी काटते हुए देख कर कहा आज इतनी देर से सब्ज़ी काट रहीं हैं अब तक तो आपका खाना बन जाता था कोई मेहमान आ गए थे क्या? 

अरे नहीं प्रतिभा तुम्हारे बड़े भैया और बच्चों के लिए खारा और मीठा बना कर रखा है बहुत सालों बाद वे लोग इंडिया आ रहे हैं तेल के कारण थोड़ी सी खाँसी आ गई है और कुछ नहीं मैं बिलकुल ठीक हूँ उन्हें काम करने की इतनी आदत हो गई है कि किसी के भी कुछ भी कहने का कोई फ़ायदा नहीं होता है। 

बडा भाई अपने परिवार के साथ जैसे ही आया बहनें भी परिवार सहित यहीं आ गई थी । माँ की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था पूरे पाँच साल बाद उन्हें देख जो रहीं थीं । 

छोटे भाई ने पूरे घर में पुताई कराई थी । बड़े भाई के कमरे के लिए नया पलंग ख़रीदा बैठक में नया सोफा भी ख़रीदा था । 

भाई के परिवार को उन्हें लाने के मेरा छोटा भाई एयरपोर्ट पहुँच गया। 

हम सब उनका इंतज़ार बड़ी बेसब्री से कर रहे थे । उसी समय घर के सामने टेक्सी आकर रुकी । 

माँ तो भाई के कार से पैर बाहर रखते ही रोते हुए उन्हें गले लगा लिया । भाई उन्हें गले लगाया और सभी भाई बहनों का नाम लेते हुए हालचाल पूछा । बड़ी भाभी ने माँ के पैर छुए और बच्चों से पैर छुआए। माँ तो उनके संस्कार को देख खुश हो गईं थीं छोटी भाभी ने उनकी आरती उतारी । 

बड़ी भाभी ने कहा कि संजना तुम तो बिलकुल नहीं बदली हो जैसे शादी के समय थी अभी भी वैसी ही हो । सज धज कर आई बड़ी भाभी के सामने छोटी भाभी खेतों में खड़ी नजर के पुतले के समान लग रही थी । 

बड़ी भाभी ने कहा कि संजना तुमने तो हम लोगों के लिए छप्पन भोग बना दिया है । बच्चों ने तो मिर्च है कहते हुए कुछ नहीं खाया और बड़ी भाभी ने तो हर एक कौर को पानी के साथ ही गटका था । भाई ने भी कहा कि तुम लोग इतनी मिर्च वाला क्यों खाते हो तब ही बी पी बढ़ा हुआ रहता है । 

दोपहर को उन लोगों ने पूरे घरवालों के लिए जो उपहार लाए हैं उन्हें देना शुरू कर दिया था । बहनों और बच्चों के लिए कपड़े । कुछ के लिए कार्डलेस फोन ।

छोटे भाई के लिए वॉकमेन मेरे लिए कपड़े ज्वेलरी माँ के लिए पर्स , छोटे भाई के लिए एलक्ट्रिक रेजर, रिस्ट वॉच, बच्चों के लिए खिलौने लाए छोटी भाभी के लिए हेंड मिक्सर और परक्युलेटर लाए । सबने मिलकर भाभी की पसंद की दाद दे रहे थे । 

एक बात पर किसी ने ध्यान नहीं दिया था कि छोटी भाभी के लिए जो सामान लाया गया है वह भी घर के उपयोग के लिए ही था ना कि उनके लिए फिर भी वही सबसे ज़्यादा खुश थीं । 

उन्होंने बड़ी भाभी से कहा कि दीदी बहुत अच्छी है एक हरी मिर्च भी चॉपर में आसानी से कट जाती है देखो तो पूरी मशीन हाथ में आ गई है । जबकि खुद अकेले एक किलो मिर्च भी आसानी से कूट लेती हैं उनकी बातों को सुनकर मुझे हँसी आ गई थी । 

उस दिन रात को माँ ने बड़े भाई से घर की आर्थिक स्थिति के बारे में बात करनी शुरू की थी कि बड़े भाई अपना रोना लेकर बैठ गए थे कि माँ दिन रात गधे के समान काम किया तो यहाँ आने के लिए पैसे जमा कर पाया हूँ ।

मुझे बेटी की शादी करनी है बेटे को मेडिसीन में जॉइन करना है। तुम्हें तो मेरे बारे में सब कुछ मालूम है।

बडी भाभी रसोई में छोटी भाभी को अपने कष्टों की कहानियों सुना रही थी। हमारे हालात के बारे में क्या बताएँ संजना रोज पेपर में ऑफर्स के बारे में जानकारी लेकर वहीं से सामान खरीदते हैं

कोशिश यही रहती है कि सस्ते में सामान खरीद कर पैसा बचाएँ इतना करने के बाद किसी तरह से हमारा गुजारा होता है। अपनी मर्जी से आराम से जीने लगें तो एक डॉलर भी नहीं बचा पाएंगे पैसे फेंके तो भी वहाँ काम वाले नहीं मिलते हैं।

हमें सारे काम खुद करने पडते हैं। डॉक्टर के पास जाना पड़े तो बहुत खर्च हो जाएगा इसलिए अपने सेहत का ख्याल रखना पड़ता है। संजना वहाँ खाने पीने के साथ-साथ अपनों के लिए भी तरस जाते हैं। तुम पूछ सकती हो कि फिर वहां क्यों रहते हैं बच्चों के लिए रहते हैं। वे बचपन से वहीं हैं तो उन्हें इंडिया आना पसंद नहीं है कहते हुए आँखों में आँसू भर लीं।

उनके आँखों में आँसू देखते ही छोटी भाभी पिघल गईं और कहने लगीं कि दीदी आप परेशान मत होइए दीप्ति की शादी के लिए जरूरत पडें तो हम यह घर भेज देंगे। हमारे बच्चे तो छोटे हैं।

जब तक बड़ी भाभी यहाँ थीं बस माँ की फिक्र करने का नाटक करतीं रहीं। ननदों से हँसी मजाक करना बच्चों के ऊपर प्यार बरसाना आदि करती रही। घर आए लोगों से हँसते हुए बातचीत करना सारे घर जो वहीं संभाल रही हैं ऐसा भ्रम पैदा कर रही थी।

उन्हें देखते ही आसपडोस और रिश्तेदार सभी माँ के तकदीर पर ईष्र्या कर रहे थे कि उन्हें कितनी अच्छी समझदार बहू मिली है उसे बिल्कुल घमंड ही नहीं हैं कहते हुए तारीफों के पुल बांध रहे थे। उनकी बातों को सुनकर तो माँ सातवें आसमान पर उड़ रहीं थीं।

बड़े भाई के परिवार के आने के दो दिन बाद मैंने सुना था कि बच्चे बड़ी भाभी से अंग्रेजी में कह रहे थे कि हम जब से यहाँ आए हैं चाची की खाँसी से हमें तकलीफ हो रही है अब हम यहाँ नहीं रह सकते हैं।

उनकी बात सुनते ही बडे भाई ने चेन्नई के लिए टिकट खरीद लिया। माँ ने और छोटे भाई ने उन्हें एक हफ्ता रुकने के लिए बहुत कहा पर उन्होंने उनकी एक ना सुनी प्रतिभा की शादी में आएंगे कहते हुए चले गए। उनके जाने के बाद भी माँ आए मेरी बहनें उनकी तारीफों के पुल बांध रहे थे। 

मुझे तो उनकी बातों को सुनकर लग रहा था कि यह कैसे मूर्ख लोग हैं जिन्हें असली और नकली में फर्क नहीं मालूम चल रहा है। मुझे तो बड़ी भाभी के महँगे तोहफों की जगह छोटी भाभी प्यार से एक गुलाब भी दे दें तो अच्छा लगता है। हमारे घर के लोग तो उन्हें स्वर्ग से उतरी देवी मानते हैं। यह सब अमेरिका की डॉलर का ही तो कमाल है जो पत्थर को हीरा बना देता है। मेरे लिए तो छोटी भाभी ही हीरा है।

क़े कामेश्वरी

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