बेटियां भी बुढ़ापे का सहारा बन सकती है – अलिफशा सैफी

“लीजिए भाभी मुंह मीठा कीजिए।” आशीष जी ने अपनी भाभी रमीला जी को मिठाई देते हुए कहा। रमीला जी मिठाई मुंह में रखकर बोली।” देवर जी किस चीज की मिठाई बाटी जा रही है। लगता है अबकी बार तो बेटा हुआ है देवरानी जी को।”” नहीं भाभी बेटा नहीं दूसरी भी लक्ष्मी ही आई है। … Continue reading बेटियां भी बुढ़ापे का सहारा बन सकती है – अलिफशा सैफी