बेटी का सम्मान – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Post View 141   ” नहीं भईया…अब आप मीनू को वहाँ नहीं भेजेंगे।हाँ..उसके ससुराल वाले आकर ससम्मान ले जायें तब तो ठीक है वरना..हमारी बेटी कोई बोझ नहीं है।” सुमेश ने अपनी भतीजी के सिर पर स्नेह-से अपना हाथ रखा तो मीनू सुबक पड़ी।      ” लेकिन सुमेश…मीनू को यहाँ रहते देख रिश्तेदार क्या कहेंगे..।” महेश जी … Continue reading बेटी का सम्मान – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi