बेटी अब ससुराल ही तेरा घर है , अब तो तू यहां की मेहमान है – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

Post View 4,700 आँखों में आंसू भर कर अपने घर को जाने के लिए गाड़ी में बैठ चुकी थी निर्जला , उस घर जहाँ की वो मेहमान नहीं बल्कि मालकिन थी।  जैसे जैसे गाड़ी आगे बढ़ रही थी , निर्जला से पीछे छूटता जा रहा था वो घर जहाँ अब वो सिर्फ मेहमान समझी जाती … Continue reading बेटी अब ससुराल ही तेरा घर है , अब तो तू यहां की मेहमान है – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi