बेटा परछावा तो अपनों का ही पड़ता है – बीना शर्मा : Moral Stories in Hindi
Post View 2,389 सुलक्षणा ड्राइंग रूम में बैठकर अखबार पढ़ रही थी कि तभी उसका बेटा अतुल उसके पास आकर कुर्सी पर बैठते हुए दुखी स्वर में बोला “मम्मी जी हमारे तो कर्म हीं फूट गए जो ऐसी संतान को जन्म दी सर में तेज दर्द हो जाए तो तो बेटा हाल-चाल भी नहीं पूछता … Continue reading बेटा परछावा तो अपनों का ही पड़ता है – बीना शर्मा : Moral Stories in Hindi
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