बेटा परछावा तो अपनों का ही पड़ता है – बीना शर्मा : Moral Stories in Hindi

Post Views: 14 सुलक्षणा ड्राइंग रूम में बैठकर अखबार पढ़ रही थी कि तभी  उसका बेटा अतुल उसके पास आकर कुर्सी पर बैठते हुए दुखी स्वर में बोला “मम्मी जी हमारे तो  कर्म हीं फूट गए जो ऐसी संतान को जन्म दी  सर में  तेज दर्द हो जाए तो  तो बेटा हाल-चाल भी नहीं पूछता … Continue reading बेटा परछावा तो अपनों का ही पड़ता है – बीना शर्मा : Moral Stories in Hindi