बेघर – विनय कुमार मिश्रा

Post View 395 यहां मत जाओ, वहां मत जाओ, इतनी देर क्यों कर दी! “उफ्फ” हर बात में रोक टोक, हर बात में नाराजगी। मैं भी गुस्से से खाना छोड़, घर से बाहर एक पार्क की तरफ बढ़ गया। मम्मी के लगातार फोन से परेशान होकर, मैंने अपना मोबाइल फोन ही स्विच ऑफ कर दिया। … Continue reading बेघर – विनय कुमार मिश्रा